कम्प्यूटर का परिचय
सामान्य परिचय :-
कम्प्यूटर अंग्रेजी भाषा के कम्प्यूट शब्द से
बना है, जिसका अर्थ गणना करना होता है, कम्प्यूटर को हिन्दी में संगणक के नाम से भी जाना जाता
है।
ऑक्सफोर्ड
डिक्शनरी के अनुसार, कम्प्यूटर एक स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक
मशीन है, जो अनके प्रकार की तर्कपूर्ण
गणनाओं के लिए प्रयोग किया जाता है।
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो यूजर से डाटा एवं निर्देशों को
इनपुट के रूप में लेती है। तथा उस डाटा पर प्रोसेस करके सूचना के रूप में यूजर के
अनुसार आउटपुट प्रदान करती है। तथा भविष्य के लिए स्टोर करता है
● कम्प्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर
दोनों का मिला जुला रूप होता है जो डाटा को सूचना में परिवर्तित करता है
● हार्डवेयर और साफ्टवेयर दोनों
ही कम्प्यूटर के भाग होते हैं। इनके बिना कम्प्यूटर कोई कार्य नहीं कर सकता
है।
कम्प्यूटर
के कार्य ( Function of Computer) :-
Input → Process → Output → storage
कम्प्यूटर
का पूर्ण रूप (full form of Computer) -
C :-
Commonly
O :-
Operated
M :-
Machine
P :- Particularly
U :-
Used for
T :-
Technical
E :-
Education
R :- Research
कम्प्यूटर की विशेषताएं
1. गति (Speed):-
कम्प्यूटर
की गणना करने की गति मानव की गणना करने की गति से कई गुना अधिक होती है।
2. स्वचालित (Automatic):-
कम्प्यूटर
अपना कार्य प्रोग्राम के एक बार लोड हो जाने पर स्वत: करता रहता है।
3. त्रुटि रहित कार्य (accuracy):-
कम्प्यूटर
कभी भी किसी भी गणना पर स्वयं कोई गलती नहीं करता है। यह किसी भी को कोर्य को
हमेशा बिना गलती के साथ करता है । यदि कोई गलती होती है तो वह यूजर गलती होती
है।
4. सार्वभौमिकता (Versatility):- आजकल कम्प्यूटरों का प्रयोग सभी क्षेत्रों में किया जा
रहा है जैसे - शिक्षा, बैंक, रेलवे, व्यापार, मनोंरजन आदि।
5. उच्च भंडारण क्षमता (High storage capacity) :- एक कम्प्यूटर सिस्टम में डाटा
स्टोर करने की क्षमता बहुत अधिक हो सकती है। यह लाखों शब्दों का बहुत ही कम जगह
में स्टोर करने की क्षमता रखता है।
6. लगन (Dilligence) :- मानव किसी भी कार्य को निंरतर कुछ ही घंटों तक
करने में थक जाता है। इसके विपरीत कम्प्यूटर किसी भी कार्य को निंरतर घंटों, महीनों तक करने की क्षमता रखता है।
7. कोई बौद्धिक शक्ति नहीं (NO intellectual power) :- कम्प्यूटर कभी भी स्वयं निर्णय नहीं ले सकता है। यह
यूजर के दिये गए निर्देशों के अनुसार ही कार्य करता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
जो व्यक्ति कम्प्यूटर के लिए प्रोग्राम
बनाता है उसे प्रोग्रामर बोला जाता है।
जो व्यक्ति कम्प्यूटर
को चलता है अर्थात ऑपरेट करता है, उसे यूजर बोला जाता है।
कम्प्यूटर के नुकसान Disadvantage of Computer
· कम्प्यूटर के ज्यादा प्रयोग से होने वाले कुछ नुकसान भी होते हैं,
· कम्प्यूटर का जरूरत से ज्यादा प्रयोग होने से मनुष्य
बिमार भी हो सकता है।
· कम्प्यूटर का अधिक प्रयोग स्वास्थ्य के लिए
हानिकारक साबित हो रहा है।
· कम्प्यूटर स्क्रीन
पर अधिक समय तक लगातार देखाने से सबसे ज्यादा नुकसान आंखों को होता है।
· कंपनियों में कई
मजदूरों का काम कम्प्यूटर और रोबोट करने लगे हैं, जिसकी वजय से आजकल बेरोजगारी भी बढ रही है।
· इंटरनेट के माध्यम से आजकल ठगी बहुत बडे पैमाने पर हो रही
है
कम्प्यूटर आर्किटेक्चर / वॉन न्यूमैन आर्किटेक्चर
Central processing
unit
Control unit
↓ ↑
Input unit ALU output unit
Keyboard Monitor
↓ ↑
Memory unit
(Register)
·
इनपुट यूनिट (Input unit) :- जिस
यूनिट के द्वारा कम्प्यूटर में डाटा एवं निर्देशों को प्रवेश कराया जाता है। वह
इनपुट यूनिट कहलाती है। जैसे- की-बोर्ड , माउस आदि।
·
आउटपुट यूनिट(Output unit) :- जिस यूनिट के द्वारा यूजर को परिणाम मिलता है।
उसे आउटपुट यूनिट कहा जाता है। जैसे- मोनीटर।
· सीपीयू (CPU) :-
इसका पुरा नाम सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट होता है। इस यूनिट के द्वारा कम्प्यूटर
में प्रोसेसिंग का कार्य किया जाता है।
ü सीपीयू तीन भागों से मिलकर बना
होता है,
§ ALU (arithmetic & logic unit)
§ CU (control unit)
§ MU (memory unit)
· एएलयू(ALU- arithmetic logic unit) :- इसका पूरा
नाम अरिथमेटिक लॉजिक यूनिट होता है। एएलयू के द्वारा कम्प्यूटर में गणितीय कार्य
किये जाते हैं। अर्थात यह अंकगणितीय गणनाएं जैसे- जोड, घटाव, गुणा, भाग आदि तथा तार्किक क्रियाएं भी करता
है। इसका मुख्य कार्य अंकगणितीय समस्याओं को हल करने के अलावा तर्कसंम्बधित
कार्य करना भी होता है।
· सीयू (CU- control unit):- इसका
पूरा नाम कंट्रोल यूनिट होता है। यह यूनिट कंट्रोल एडं टाइमिंग सिगनल उत्पन्न
करती है। जिसके द्वारा सभी हार्डवेयर डिवाइसेज की क्रियाओं को नियंत्रित किया जाता
है। यह सीपीयू की मुख्य यूनिट होती है।
· एमयू (MU-
memory unit) :- इसे मेमोरी यूनिट इसलिए कहा जाता
है, क्योंकि इसमें रजिस्टरों का समूह होता है। मेमोरी
यूनिट को रजिस्टर के नाम से भी जाना जाता है। यह कम्प्यूटर की अस्थायी मेमोरी
होती है। यह कम्प्यूटर में सबसे छोटी एवं सबसे तेज गति की मेमोरी होती है। जिस
समय सीपीयू में प्रोसेसिंग होती है उसए समय रजिस्टर मेमोरी के द्वारा निर्देश एवं
मेमोरी एड्रेस का अस्थायी रूप से स्टोर कर लिया जाता है।
महत्वपूर्ण तथ्य
MU : set of
register
Register : combination of flip flop
Flip flop एक डाटा स्टोरेज
यूनिट होती है, जो एक समय पर एक बिट (0/1) स्टोर
करती है।
ü डाटा और सूचना के बीच अंतर Difference Between Data And Information)
§ डाटा (data) :- डाटा कोई Text , picture , Sound में से कुछ भी हो सकता है। वह शब्द
जिसका केाई शाब्दिक अर्थ नहीं होता है, डाटा कहलाता है।
सूचना (Information) :- वह डाटा जिस पर प्रोसेसिंग हो गयी हो उसे सूचना
कहा जाता है। अर्थात जब किसी डाटा पर प्रोसेसिंग होती है। तब सूचना बनती है, जिसका एक सार्थक अर्थ निकलता है।
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